शब्द बाण

सुर से है संगीत सब, सुर सामूहिक गान
सुर जब मिलकर बोलते, छिड़े गजब की तान
छिड़े गजब की तान, बोल होते मतलब के
सधे जहाँ से स्वार्थ, वहीँ जा मिलते सबके
सतविंदर यदि लाभ, दौड़ चले विरोधी-पुर
पल में देखो यार,बदलते-से सबके सुर .

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