कुण्डलिया

मानों सच्ची बात को, यह है शाश्वत ज्ञान
खुद ही कष्टों से लड़ो, ठीक लगाकर ध्यान
ठीक लगाकर ध्यान, पार उन पर जो पाना
हो सकता उपहास, शुरू जो किया बताना
'सतविंदर' कम लोग, साथ दे पाते जानों
ईश्वर भी तब संग, साहसी खुद को मानों

©सतविन्द्र कुमार राणा

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