झाँक आना


मुक्तक

मुश्किलों पर इस तरह कुछ पार पाना चाहिए
हौसले से हर कदम आगे बढ़ाना चाहिए
 है बहुत आसान उँगली दूसरों पर तानना
इक दफ़ा खुद के भी भीतर झाँक आना चाहिए।

©सतविन्द्र कुमार राणा

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