नमस्ते कहिए या आदाब कहिए



नमस्ते कहिए या आदाब कहिए
ज़रा दूर से पर ज़नाब कहिए
ये फ़ासला, नहीं दूरी दिलों की
समय का लगा कुछ हिसाब कहिए

सतविन्द्र कुमार राणा

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